चेहरे पे चेहरा लगाया ये बहुत अच्छा किया
अंधो को दर्पण दिखाया ये बहुत अच्छा किया।।
आप ही हैं न्याय की दुनिया के सच्चे बादशाह
मुजरिमों को फिर बसाया ये बहुत अच्छा किया।।
आदमी की खाल तक खैंची है हंटर से मगर
पत्थरों को सर झुकाया ये बहुत अच्छा किया।
दोस्ती पर जिनकी हमको था भरोसा बेपनाह
पीठ में खंजर घुसाया ये बहुत अच्छा किया।।
जिसको दुलारा प्यार से अजनबी वो बन गया
दास को दुश्मन बनाया ये बहुत अच्छा किया।।
हो गया मासूमियत पर जब फिदा कोई यहां
रूप असली तब दिखाया ये बहुत अच्छा किया।