कविता : पेटीकोट....
मर्द , मैडम आप साड़ी में
अच्छी दिख रही हो
वैसे भी आप तो
बिलकुल सही हो
औरत, सर आप का बहुत
ही शुक्रिया
आप ने मेरी बड़ी
तारीफ किया
मर्द , मुझे मैडम एक बात
खटक रही यही
आप के साड़ी के भीतर
पेटीकोट है कि नहीं ?
औरत, अरे पेटीकोट पहनूं या न
पहनूं क्या है नियत तेरी ?
लाइन में आएगा...जब दो
चार झापड़ खाएगा मेरी
मर्द , मैंने सोचा बात इतनी
गजब की ऐसी
आप झापड़ तक पहुंची
आप तो हो कैसी ?
इरादा मेरा आप को एक अच्छी
पेटीकोट खरीद कर देना था
बदले में मैडम आप से मैंने कसम
रब की थोड़ी कुछ लेना था ?
औरत, तेरे झांसे में आ कर तेरी
रखैल थोड़ी बन जाऊंगी ?
देख अब तुझ को पुलिस
से बोल थाने पहुंचाऊंगी
देख अब तुझ को पुलिस
से बोल थाने पहुंचाऊंगी.......
netra prasad gautam

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




