न शब्दों की समझ हमें
जो हमारी लिखावट सँवार सके
न ऐसे सुर हैं
जो किसी की आवाज़ बन सके
हाँ ,दिल में छुपे कुछ भाव हैं
जो तुम्हारे जज़्बात ब्याँ कर सकें
थोड़े बहुत जीवन से मिले अनुभव हैं
जो शायद तुम्हारी राहें आसान कर सकें
बना लो हमें भी अपनी कहानी का एक किरदार
जो दोस्त बन हमेशा तुम्हारे साथ रह सके
जो दोस्त बन कभी तुम्हें तन्हा न रहने दे ..
वन्दना सूद